Shiv Chalisa PDF | श्री शिव चालीसा PDF | श्री शिव चालीसा यदि आप download करना चाहते है तो आप बिलकुल सही जगह पर आये है | Shri Shiv Chalisa PDF Download करने का सबसे आसान तरीका | श्री शिव चालीसा PDF डाउनलोड करने की link नीचे दी गई है | आप नीचे दी गयी लिंक से PDF आसानी से Download कर सकते है और श्रद्धा पूर्वक Shiv Chalisa का पाठ करें ||
About Shiv Chalisa PDF | श्री शिव चालीसा पाठ की जानकारी |
Shiv Chalisa PDF | भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए शिव चालीसा का पाठ बहुत ही सहज और सुगम उपाय है। सावन में शिवपुराण का पाठ करना शास्त्रों में उत्तम फलदायी कहा गया है। लेकिन जो लोग शिव पुराण का पाठ सावन में नहीं कर पाते हैं वह शिव चालीसा का पाठ करके भी महापुण्य के भागी बन सकते हैं।शिव चालीसा के माध्यम से अपने सारे दुखों को भूला कर शिव की अपार कृपा प्राप्त कर सकते हैं। शिव पुराण के अनुसार शिव-शक्ति का संयोग ही परमात्मा है। शिव की जो पराशक्ति है उससे चित् शक्ति प्रकट होती है। चित् शक्ति से आनंद शक्ति का प्रादुर्भाव होता है, आनंद शक्ति से इच्छाशक्ति का उद्भव हुआ है।
ऐसे आनंद की अनुभूति दिलाने वाले भगवान भोलेनाथ का हर दिन शिव चालीसा पढ़ने का अलग ही महत्व है।
यहां आपके लिए संपूर्ण शिव चालीसा का पाठ दिया गया है।
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|| श्री शिव चालीसा ||
॥ दोहा ॥
जय गणेश गिरिजा सुवन,
मंगल मूल सुजान ।
कहत अयोध्यादास तुम,
देहु अभय वरदान ॥
॥ चौपाई ॥
जय गिरिजा पति दीन दयाला ।
सदा करत सन्तन प्रतिपाला ॥
भाल चन्द्रमा सोहत नीके ।
कानन कुण्डल नागफनी के ॥
अंग गौर शिर गंग बहाये ।
मुण्डमाल तन क्षार लगाए ॥
वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे ।
छवि को देखि नाग मन मोहे ॥ 4
मैना मातु की हवे दुलारी ।
बाम अंग सोहत छवि न्यारी ॥
कर त्रिशूल सोहत छवि भारी ।
करत सदा शत्रुन क्षयकारी ॥
नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे ।
सागर मध्य कमल हैं जैसे ॥
कार्तिक श्याम और गणराऊ ।
या छवि को कहि जात न काऊ ॥ 8
देवन जबहीं जाय पुकारा ।
तब ही दुख प्रभु आप निवारा ॥
किया उपद्रव तारक भारी ।
देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी ॥
तुरत षडानन आप पठायउ ।
लवनिमेष महँ मारि गिरायउ ॥
आप जलंधर असुर संहारा ।
सुयश तुम्हार विदित संसारा ॥ 12
त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई ।
सबहिं कृपा कर लीन बचाई ॥
किया तपहिं भागीरथ भारी ।
पुरब प्रतिज्ञा तासु पुरारी ॥
दानिन महँ तुम सम कोउ नाहीं ।
सेवक स्तुति करत सदाहीं ॥
वेद नाम महिमा तव गाई।
अकथ अनादि भेद नहिं पाई ॥ 16
प्रकटी उदधि मंथन में ज्वाला ।
जरत सुरासुर भए विहाला ॥
कीन्ही दया तहं करी सहाई ।
नीलकण्ठ तब नाम कहाई ॥
पूजन रामचन्द्र जब कीन्हा ।
जीत के लंक विभीषण दीन्हा ॥
सहस कमल में हो रहे धारी ।
कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी ॥ 20
एक कमल प्रभु राखेउ जोई ।
कमल नयन पूजन चहं सोई ॥
कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर ।
भए प्रसन्न दिए इच्छित वर ॥
जय जय जय अनन्त अविनाशी ।
करत कृपा सब के घटवासी ॥
दुष्ट सकल नित मोहि सतावै ।
भ्रमत रहौं मोहि चैन न आवै ॥ 24
त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो ।
येहि अवसर मोहि आन उबारो ॥
लै त्रिशूल शत्रुन को मारो ।
संकट से मोहि आन उबारो ॥
मात-पिता भ्राता सब होई ।
संकट में पूछत नहिं कोई ॥
स्वामी एक है आस तुम्हारी ।
आय हरहु मम संकट भारी ॥ 28
धन निर्धन को देत सदा हीं ।
जो कोई जांचे सो फल पाहीं ॥
अस्तुति केहि विधि करैं तुम्हारी ।
क्षमहु नाथ अब चूक हमारी ॥
शंकर हो संकट के नाशन ।
मंगल कारण विघ्न विनाशन ॥
योगी यति मुनि ध्यान लगावैं ।
शारद नारद शीश नवावैं ॥ 32
नमो नमो जय नमः शिवाय ।
सुर ब्रह्मादिक पार न पाय ॥
जो यह पाठ करे मन लाई ।
ता पर होत है शम्भु सहाई ॥
ॠनियां जो कोई हो अधिकारी ।
पाठ करे सो पावन हारी ॥
पुत्र हीन कर इच्छा जोई ।
निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई ॥ 36
पण्डित त्रयोदशी को लावे ।
ध्यान पूर्वक होम करावे ॥
त्रयोदशी व्रत करै हमेशा ।
ताके तन नहीं रहै कलेशा ॥
धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे ।
शंकर सम्मुख पाठ सुनावे ॥
जन्म जन्म के पाप नसावे ।
अन्त धाम शिवपुर में पावे ॥ 40
कहैं अयोध्यादास आस तुम्हारी ।
जानि सकल दुःख हरहु हमारी ॥
॥ दोहा ॥
नित्त नेम कर प्रातः ही,
पाठ करौं चालीसा ।
तुम मेरी मनोकामना,
पूर्ण करो जगदीश ॥
मगसर छठि हेमन्त ॠतु,
संवत चौसठ जान ।
अस्तुति चालीसा शिवहि,
पूर्ण कीन कल्याण ॥
Shiv Chalisa PDF Karne Ke Faayde | श्री शिव चालीसा करने के फायदे
- आत्मिक शांति: शिव चालीसा का पाठ करने से मन की शांति और आत्मिक तृप्ति मिलती है।
- बुराईयों का नाश: शिव चालीसा के जाप से बुराईयों का नाश होता है और अच्छाई बढ़ती है।
- भक्ति का विकास: इस चालीसा का पाठ करने से भक्ति में वृद्धि होती है और भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है।
- रोगों का निवारण: शिव चालीसा के जाप से रोगों का निवारण होता है और शारीरिक स्वास्थ्य सुधारता है।
- मनोवांछित फल: इस चालीसा के पाठ से व्यक्ति की मनोकामनाएं पूरी होती हैं और उसे मनचाहे फल प्राप्त होते हैं।
- नेगेटिव ऊर्जा का प्रतिकार: शिव चालीसा के पाठ से नेगेटिव ऊर्जा और तांत्रिक प्रभावों का प्रतिकार होता है।
- संतान प्राप्ति: इस चालीसा के जाप से संतान की प्राप्ति होती है और परिवार में सुख-शांति बनी रहती है।
- मन की शक्ति विकास: शिव चालीसा के पाठ से मन की शक्ति विकसित होती है और सामर्थ्य बढ़ता है|
Shiv Chalisa PDF Paath karne ki Vidhi |श्री शिव चालीसा पाठ करने की विधि|
- स्नान करें: शिव चालीसा पाठ करने से पहले नित्य स्नान करें और वस्त्रों को शुद्ध करें।
- पूजा स्थल: एक शुद्ध और निर्मल पूजा स्थल चुनें, जहां आप निरंतर शिवलिंग की पूजा करते हैं।
- कलश स्थापना: एक कलश स्थापित करें और उसमें गंगाजल या पानी डालें।
- धूप और दीप: अपने पूजा स्थल पर धूप और दीप जलाएं।
- आरती: शिवलिंग की आरती करें और उसे प्रसाद के रूप में चढ़ाएं।
- मंत्र: शिव मंत्रों का जाप करें, जैसे “ॐ नमः शिवाय” और “ॐ जय जगदीश हरे”।
- शिव चालीसा पाठ: शिव चालीसा की पाठ करें, श्रद्धा और भक्ति के साथ।
- दूसरे स्तोत्र: शिव स्तोत्र या मन्त्र का पाठ करें, जैसे “शिव तांडव स्तोत्र” या “महामृत्युंजय मंत्र”।
- स्त्रोत श्रवण: शिव पुराण या शिव स्तुति के कुछ भागों को सुनें या पढ़ें।
- पुण्याहवाचन: पूजा के बाद शिव को पुण्याहवाचन दें|
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File Name | Shiv Chalisa PDF |
Author | Sage Ayodhya Das |
Genre | Spiritual |
PDF Size | 213KB |
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